नशा मुक्त समाज
नशा मुक्त देश की कल्पना नशा मुक्त भारत का सपना तब तक साकार नहीं हो सकता जब तक हम इस जहर से पूरी तरीके से परिचित नहीं हो जाते। नशे से ना केवल शारीरिक अपितु आर्थिक मानसिक तनाव से भी व्यक्ति ग्रस्त रहता है, मानसिक तनाव के कारण अनेकों प्रकार के एल्कोहलिक और सेडेटिव पदार्थो जैसे अफीम, शराब, तंबाखू तथा ड्रग्स का सेवन करते हैं। ये पदार्थ व्यक्ति को अपना शिकार बना लेते हैं और सभी तरह से पराजित कर देते हैं ना वो समाज में सुखी रहता है और ना ही परिवार में । इससे घर की कलह प्रतिदिन बढ़ती है और व्यक्ति आशा से निराशा की तरफ जीवन व्यतीत करता है। फिर भी सबसे दुखद बात तो यह है कि हम किसी नए वर्ष के आरंभ में अपनी खुशी के लिए इन नशीले पदार्थ को पहले अपनाते हैं जो हमारे विनाश का प्रथम कारण है। नव वर्ष पर नवीन विचारो के साथ जीवन का आगाज करना चाहिए ना की बुराइयों को गले लगाकर हमेशा के लिए उनकी जकड़ में बंधे रहना। एक तरफ़ तो आज की युवा पीढ़ी ने नशे को फैशन समझकर भी अपने पैर पर आप कुल्हाड़ी मारी हुई हैं। जिस नशे ने हमारी जिंदगी तबाह कर दी हम उसे अपनी शान समझने लगे हैं। इससे छुटकारा पाना अत्यंत